DVAT - सभी व्यापारियों के " C form" इत्यादी लेना हुआ आसान I अब 2011-2012 और उससे पहले के साल के फॉर्म भी मिलेंगे ऑनलाइन I
व्यापार एवं कर विभाग, दिल्ली ने वर्ष 2012-13 के सभी C form इत्यादि पहले ही ऑनलाइन देने की सुविधा व्यापारी को दे दी थी I
परंतू 2011-12 और उससे पहले के साल अब तक भी विभाग से manual issue करवाने पड़ते थेI
अब दिल्ली सरकार ने सर्कुलर संख्या 13 dtd 23/08/2013 के जरिये वर्ष 2011-12 और उससे पहले के सभी फार्म जैसे की (C, F, H, E-1 and E-2) ऑनलाइन देने की सुविधा शुरू कर दी है.
इस प्रक्रिया को सरकार ने चार भागों में बांटा है, जो की इस प्रकार है :
१. व्यापारी द्वारा डीलर लॉग इन में जा कर उन व्यापारियों का विवरण भरा जाएगा जिन्हें C फार्म इत्यादि दिए जाने हैं I
समय-समय पर यह विवरण देते समय व्यापारी अपनी सूची को ध्यानपूर्वक परख सकते हैं I ऐसा करने से गलती होने की संभावना बहुत कम हो जाती है I
२. व्यापारियों का विवरण देने के पश्चात हमें एक " Requisition Form" भरना होगा जिसमे हमें अपने विवरण को :
व्यापार एवं कर विभाग, दिल्ली ने वर्ष 2012-13 के सभी C form इत्यादि पहले ही ऑनलाइन देने की सुविधा व्यापारी को दे दी थी I
परंतू 2011-12 और उससे पहले के साल अब तक भी विभाग से manual issue करवाने पड़ते थेI
अब दिल्ली सरकार ने सर्कुलर संख्या 13 dtd 23/08/2013 के जरिये वर्ष 2011-12 और उससे पहले के सभी फार्म जैसे की (C, F, H, E-1 and E-2) ऑनलाइन देने की सुविधा शुरू कर दी है.
इस प्रक्रिया को सरकार ने चार भागों में बांटा है, जो की इस प्रकार है :
१. व्यापारी द्वारा डीलर लॉग इन में जा कर उन व्यापारियों का विवरण भरा जाएगा जिन्हें C फार्म इत्यादि दिए जाने हैं I
समय-समय पर यह विवरण देते समय व्यापारी अपनी सूची को ध्यानपूर्वक परख सकते हैं I ऐसा करने से गलती होने की संभावना बहुत कम हो जाती है I
२. व्यापारियों का विवरण देने के पश्चात हमें एक " Requisition Form" भरना होगा जिसमे हमें अपने विवरण को :
· व्यापारियों के अनुसार,
· खरीद की गयी वस्तु के अनुसार, और
· बिलों के अनुसार, बना कर देना होगा I और फिर इसे ऑनलाइन ही जमा करना होगा I
३. तीसरे चरण में, हमारा दिया गया विवरण, सिस्टम द्वारा अपने आप VAT अफसर के लॉग इन में पहुच जाता है I जहाँ वह अफसर निम्न बातों का ध्यान रखते हुए form देने का अप्रूवल दे सकता है :
· विवरणी में यह खरीद दर्ज की गयी होनी चाहिए I
· अब तक की सभी विवरणी समय पर जमा की गयी होनी चाहिए I
· कोई देय राशी बकाया नहीं होनी चाहिए I
· खरीद की गयी वस्तू व्यापारी के पंजीकरण प्रमाण पत्र पर अंकित होनी चाहिए I
· और, CST (Delhi) Rules की Rule 5(4) की सभी शर्तें पूरी होनी चाहिए I
४. चौथे और अंतिम चरण में VAT अफसर द्वारा अप्रूवल होने पर आप अपने फार्म ऑनलाइन ही डाउनलोड कर सकते हैं I
सरकार के इस सराहनीय उपकर्म से व्यापारियों को पेश आ रही परेशानियों के कुछ कम होने की आशा है I
यह थी व्यापार एवं कर विभाग से TAX जगत की ताज़ा खबर, आने वाले अंकों में भी हम आपको इसी प्रकार उपयोगी ख़बरें देने का प्रयास करते रहेंगेI
CA Yashu Goel
Partner, N.K. Goel and Bros.
9899263490
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